# # #
हो जाता
नहीं
ज्ञान
जब तक
'स्व' का,
अभिव्यक्ति
स्वयम की
बन जाती है
हठधर्मिता
समाये निज में
आक्रामकता
एवम
द्वन्द
अभीप्सा के....
हो जाता
नहीं
ज्ञान
जब तक
'स्व' का,
अभिव्यक्ति
स्वयम की
बन जाती है
हठधर्मिता
समाये निज में
आक्रामकता
एवम
द्वन्द
अभीप्सा के....
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