[शिवम् (८ वर्ष) कल मेरे साथ था. उसकी एक रचना यहाँ शेयर करते हुए प्रसन्नता हो रही है.]
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प्राण दिये/ ईश्वर ने मुझ को,
मैने पाया घर अपने का
अंडे सा आकार,
आँख खुली तो मैं ने देखा
और कोई प्रकार...
तिनके/ जोड़ जोड़ बना था
मेरा घर संसार,
चुग्गा लाती मम्मी मेरी
देती मुझको प्यार....
पंख मिले/ आई थी ताक़त
उड़ने को तैयार,
मापी थी आकाश की दूरी,
देखा अब संसार...
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प्राण दिये/ ईश्वर ने मुझ को,
मैने पाया घर अपने का
अंडे सा आकार,
आँख खुली तो मैं ने देखा
और कोई प्रकार...
तिनके/ जोड़ जोड़ बना था
मेरा घर संसार,
चुग्गा लाती मम्मी मेरी
देती मुझको प्यार....
पंख मिले/ आई थी ताक़त
उड़ने को तैयार,
मापी थी आकाश की दूरी,
देखा अब संसार...
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