Saturday, March 12, 2011

बिंदु बिंदु विचार:'भूखो पूछे जोतखी,धायो पूछे बेद'

# जापान में सुनामी के चलते हुई तबाही ने भुज का वाकया याद दिला दिया.

# भुज में एक ठाकर हनुमान सिंह जी रहा करते थे. मूलतः राजस्थान के बिकाणे ( बीकानेर ) इलाके के रहने वाले थे. भुज के भूकंप के कुछ दिन पहले करणी माताजी के दर्शन के लिए देशनोक आये थे, मैं भी वहीँ था. कोई जान पहचान के देपावत जी (चारणवंश जो माताजी महाराज के पुजारी है) के यहाँ माताजी की चिर्ज्याँ (भजननुमा स्तुति-गान) का कार्यक्रम था वहीँ भेंट हो गयी थी.

# हनुमान सिंह जी ने अपने बेटे कुंवर करणी सिंह से परिचय कराया था. बहुत ही होनहार नौजवान, उत्साही और विनम्र. बताने लगे थे अभी पिछले महीने ही इसकी शादी की है. बहू सोनल बहुत संस्कारी है, बंगलौर के किसी इंजीनियरिंग कोलेज से बी. टेक किया हुआ है. करणी सिंह ने भी वहीँ से अपनी बी. टेक की डिग्री हासिल की थी. दोनों ही इनफ़ोसिस में काम करने लगे थे. वहीँ एक दूजे को और ज्यादा जाना समझा था और यह लव कम अरेंज्ड मेरिज घरवालों की सहमति से हुई थी.

# दोनों ही खानदान याने राठोड़ और शेखावत अपने असर रसूख में किसी से कम नहीं थे। इस रिश्ते से सभी बहुत खुश थे.

# ठाकर साहब कहने लगे कि वहां गुजरात में एक जिग्नेश भाई पंडित नाम के नामी ज्योतिषी है, उन्होंने इस रिश्ते के बारे में पहले से ही प्रेडिक्ट कर दिया था. करणी सिंह और सोनल अपनी कंपनी के एक असाईनमेंट पर अगले महीने शिकागो जाने वाले थे. ठाकर साहब कहने लगे थे दोनों कि जन्मपत्रियाँ खूब मिली है, शायद तीस गुण मिले हैं. जिग्नेश भाई कहते हैं कि दम्पति बहुत विकास करेंगे आर्थिक, सामाजिक और आध्यात्मिक. दो संतानें होंगी. जिग्नेश भाई ने ठाकर साहब को किसी मुकद्दमें में जीत होने के बारे में ज्योतिष की गणना के आधार पर बताया था. ठाकर साहब ने माताजी महाराज को भी सिंवरा था और मुकद्दमा जीत गए थे, जिसके जीतने की उन्हें कोई उम्मीद नहीं थी.

# करणी-सोनल की 'जात' (विवाह के बाद कुल देवी के दर्शन का रिचुअल) देने और मुकद्दमें की जीत के लिए सवामनी का चढावा करने ठाकर साहब सपरिवार देशनोक आये हुए थे. हमारे खानदान से उनका रिश्ता भी था, और वैसे भी ठाकर साहब बहुत व्यावहारिक और दिलदार किस्म के इंसान लगे थे मुझे. मैं सहज ही घुल मिल गया था उनसे.

# जिग्नेश भाई से ताज़ा ताज़ा प्रभावित थे ठाकर साहब। बताने लगे थे भुज में इस ज्योतिषी का डंका बजता है. हर बड़ा आदमी उनसे अपने जन्म पत्री/टेवे को लेकर कंसल्ट करता है. बरस फल छंटवाता है. जिग्नेश भाई कि भविष्यवाणियाँ बड़ी सही होती है. अमुक को बताया कि काली वस्तु का व्यापार करें, उन्होंने लोहे के कारोबार में वारे न्यारे कर दिखाए. अमुक की बेटी की शादी नहीं हो रही थी, उम्र तीस को पार कर चुकी थी॥जिग्नेश भाई ने कहा कि उत्तर दिशा से बहुत शानदार रिश्ता आएगा..और ऐसा ही हुआ. अरे साहब धीरुभाई अम्बानी भी उनसे पूछा करते थे. कोकिला बेन, मुकेश, अनिल आदि अम्बानीज भी बड़ा विश्वास रखते हैं जिग्नेश भाई पर, एक बड़े राजनेता के लिए ठाकर साहब ने बताया था कि वे तो हर काम जिग्नेश भाई से पूछ कर करते हैं. मैने कहा पेशाब भी...तो हंसने लगे, कहने लगे-बन्ना तुम पढ़े लिखे लोग हमारे प्राचीन विज्ञानों पर भरोसा नहीं रखते यह अच्छी बात नहीं. अरे ज्योतिष एक बहुत बड़ा सच है.

# खैर जिग्नेश भाई ने ज़रूर भुज के कई लोगों के सुखी, संपन्न, लम्बी उम्र वाले जीवन की बात उनकी जन्म पत्रियों को देख कर बताई होगी.

# कोई पंद्रह दिन बाद भुज में भूकंप आया. कई मकान धराशायी हो गए...जो लोग वर्टिकल थे वे होरिजोंटल हो गए. कुंवर करणी सिंह इस हादसे के शिकार हो गए, सोनल भी बुरी तरह से घायल हो गयी. ठाकर साहब अपना दिमागी संतुलन खो बैठे. भुज में जिग्नेश भाई ने जिन जिन को राजयोग बताया था वे करोडपती से खाकपती हो गए, लम्बी उम्र जिनकी जन्मपत्री में उन्होंने देखी और बताई थी उनका मृत्यु योग घटित हो गया था. जिन भवनों को उन्होंने वास्तु के अनुसार सेट कराया था वे जमीन चूम रहे थे. मुहूर्त के अनुसार जिन दूकानों/ऑफिसों की ओपनिंग उन्होंने वेद मन्त्रों के साथ करायी थी, उनकी हस्ती धूल में मिल गयी थी.

# जिग्नेश भाई की ज्योतिष सही थी या गलत ? जन्म पत्रियों में लिखे सब संजोग, दशा, अन्तर्दशा, प्रत्यंतर क्या थे, प्रपंच या विज्ञान ? ज्योतिष से ऊपर भी कोई हस्ती है क्या ? लोग प्रत्यक्ष घटनाओं को देख चुकने के बावजूद भी क्यों इन सब पर भरोसा रखते हैं ? कई एक सवालों के जवाब मुझे आज भी नहीं मिल पा रहे हैं.

# मुझे मेरे नानीसा की कही एक बात बार बार ख़याल में आती है, "भूखो पूछे जोतखी, धायो पूछे बेद" याने जो भूखा होता है वह ज्योतिषी के पास जाता है और जिसका पेट भरा हुआ है वह डाक्टर वैद्य के पास.

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