Saturday, February 13, 2010

खैरात मायनों की....

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अनगिनत सोचों को
बसा कर
अपने हमल में
रह गयी
बाँझ
खातून एक
एहसास नाम की...

इज़हार के बहाने
बदला है
उन्हें
अल्फाज़ में
जो
हो कर
बरहना
मांग रहे हैं
खैरात
मायनों की....

(हमल=गर्भ, खातून=महिला , एहसास=अनुभूतियाँ, इज़हार=अभिव्यक्ति, अल्फाज़=शब्दों, बरहना=नग्न/दिगंबर, खैरात=भिक्षा, मायने=अर्थ.)

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