* * *
पैगाम जो आये खुद-ब-खुद
कासिद की ज़रुरत क्या होगी ?
खुद के दम पे खड़े हैं हम
ताईद की ज़रुरत क्या होगी ?
सच बात हुए आसानी से
ताकीद की ज़रुरत क्या होगी ?
हर शै पै गर दिल आ जाये
वाहिद की ज़रुरत क्या होगी ?
सुन्दरता बसी हो आँखों में
नाहिद की ज़रुरत क्या होगी ?
मुंसिफ गर सब कुछ देख सके
शाहिद की ज़रुरत क्या होगी ?
मनमानी से गर सब कुछ हो
जाहिद की ज़रुरत क्या होगी ?
अल्लाह अगर यूँ मिल जाये
आबिद कि ज़रुरत क्या होगी ?
(कासिद=सन्देश देने वाला, ताईद=समर्थन, ताकीद=जोर देना, वाहिद=विलक्षण -unique, नाहीद=सुन्दर, मुंसिफ=न्यायाधीश, शाहिद=गवाह, जाहिद=संयमी, आबिद=उपासक )
पैगाम जो आये खुद-ब-खुद
कासिद की ज़रुरत क्या होगी ?
खुद के दम पे खड़े हैं हम
ताईद की ज़रुरत क्या होगी ?
सच बात हुए आसानी से
ताकीद की ज़रुरत क्या होगी ?
हर शै पै गर दिल आ जाये
वाहिद की ज़रुरत क्या होगी ?
सुन्दरता बसी हो आँखों में
नाहिद की ज़रुरत क्या होगी ?
मुंसिफ गर सब कुछ देख सके
शाहिद की ज़रुरत क्या होगी ?
मनमानी से गर सब कुछ हो
जाहिद की ज़रुरत क्या होगी ?
अल्लाह अगर यूँ मिल जाये
आबिद कि ज़रुरत क्या होगी ?
(कासिद=सन्देश देने वाला, ताईद=समर्थन, ताकीद=जोर देना, वाहिद=विलक्षण -unique, नाहीद=सुन्दर, मुंसिफ=न्यायाधीश, शाहिद=गवाह, जाहिद=संयमी, आबिद=उपासक )
No comments:
Post a Comment