Friday, February 12, 2010

ज़रुरत क्या होगी ?

* * *
पैगाम जो आये खुद-ब-खुद
कासिद की ज़रुरत क्या होगी ?

खुद के दम पे खड़े हैं हम
ताईद की ज़रुरत क्या होगी ?

सच बात हुए आसानी से
ताकीद की ज़रुरत क्या होगी ?

हर शै पै गर दिल आ जाये
वाहिद की ज़रुरत क्या होगी ?

सुन्दरता बसी हो आँखों में
नाहिद की ज़रुरत क्या होगी ?

मुंसिफ गर सब कुछ देख सके
शाहिद की ज़रुरत क्या होगी ?

मनमानी से गर सब कुछ हो
जाहिद की ज़रुरत क्या होगी ?

अल्लाह अगर यूँ मिल जाये
आबिद कि ज़रुरत क्या होगी ?


(कासिद=सन्देश देने वाला, ताईद=समर्थन, ताकीद=जोर देना, वाहिद=विलक्षण -unique, नाहीद=सुन्दर, मुंसिफ=न्यायाधीश, शाहिद=गवाह, जाहिद=संयमी, आबिद=उपासक )

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