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दुनिया ने कहा
संग हो तुम,
उस ने कहा
खुदा हो तुम,
माशरे की मानूँ
के दिलबर की
कौन है सच्चा ?
कौन है झूठा ?
आईने ने कहा
बदसूरत हो तुम,
महबूब कहे
हसीन हो तुम,
आँखों देखा मानू
के कानों सुना,
कौन है सच्चा ?
कौन है झूठा ?
खाक ने कहा
फानी हो तुम,
आशिक कहे
ला-ज़वाल हो तुम,
फैसला जेहन का मानूँ
के दिल का,
कौन है सच्चा ?
कौन है झूठा ?
( संग=पत्थर/stone—यहाँ मूरत/बुत के लिए इस्तेमाल हुआ है. माशर=समाज/सोसाइटी, आईना=दर्पण/मिर्रोर, बदसूरत=कुरूप/उगली, महबूब=प्रिय/beloved, हसीं=सुन्दर/beautiful , खाक=धूल/dust , फानी=नश्वर/पेरिशाब्ले, आशिक=प्रेमी/लोवर, ला-ज़वाल=immortal/अनश्वर/अमर, जेहन=मस्तिष्क /ब्रेन, फैसला=निर्णय)
दुनिया ने कहा
संग हो तुम,
उस ने कहा
खुदा हो तुम,
माशरे की मानूँ
के दिलबर की
कौन है सच्चा ?
कौन है झूठा ?
आईने ने कहा
बदसूरत हो तुम,
महबूब कहे
हसीन हो तुम,
आँखों देखा मानू
के कानों सुना,
कौन है सच्चा ?
कौन है झूठा ?
खाक ने कहा
फानी हो तुम,
आशिक कहे
ला-ज़वाल हो तुम,
फैसला जेहन का मानूँ
के दिल का,
कौन है सच्चा ?
कौन है झूठा ?
( संग=पत्थर/stone—यहाँ मूरत/बुत के लिए इस्तेमाल हुआ है. माशर=समाज/सोसाइटी, आईना=दर्पण/मिर्रोर, बदसूरत=कुरूप/उगली, महबूब=प्रिय/beloved, हसीं=सुन्दर/beautiful , खाक=धूल/dust , फानी=नश्वर/पेरिशाब्ले, आशिक=प्रेमी/लोवर, ला-ज़वाल=immortal/अनश्वर/अमर, जेहन=मस्तिष्क /ब्रेन, फैसला=निर्णय)
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