Sunday, May 23, 2010

धम्म : जैसा बुद्ध के अध्ययन से मैंने समझा...


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धम्म
नहीं है
नाम
किसी
समूह का
धम्म नहीं है
परिचय
किन्ही शास्त्रों का
धम्म है
व्यक्ति
से जुड़ा हुआ
उसके दुखों से
तरण
का मार्ग
उसका
आत्मिक
ऊँचाइयों को
छूने का
एक
सजग उपक्रम....

किसी के पीछे
चलने
का
नाम नहीं है
धर्म
,
किसी झंडे तले
किन्ही
करमकांडों के तहत
जुट कर
नारे लगाने का नाम
नहीं है धर्म,
वेश के
आवरण
में
लिप्त है जो
वह नहीं है
धर्म....

अपने
दीपक बन
स्वयं को
आलोकित कर
अपना मार्ग
प्रसस्त
करने के
मर्म का नाम है
धर्म...

खुद को पहचान
हर सांस में
उस
पहचान को
भर देने का
नाम
है धर्म
भावना से अधिक
विवेक को
जगाने के
क्रम
का नाम है
धर्म....

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