Wednesday, September 15, 2010

लाडेसर (लाडली) बेटी रे खातर........(राजस्थानी)

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म्हारे कालजिए ऱी कौर है तूँ

तूँ हैं मोत्यां बिचली लाल
लाडेसर म्हारे मन बसे……..

मन-डे री बात्याँ तूँ पूछे
म्हारी पीड़ रे सारे तू पहुंचे
थान्सुं पाऊं में नेह-हिन्वास
लाडेसर म्हारे मन बसे……..

दर्द दूजां रो तूँ समझे
गरीब कमज़ोर ने अपनों समझे
तूँ है मानवता रो सन्देश
लाडेसर म्हारे मन बसे…..

नांव थारो रोशन हुवे
खिल्यो खिल्यो थारो गुलशन रहवे
थारे हिन्व्ड़े रहवे हरख अपार
लाडेसर म्हारे मन बसे……..

हिंदी अनुवाद :

तुम मेरे कलेजे का टुकड़ा हो
तुम मोतियों के बीच एक लाल हो
लाडली तुम मेरे मन में बसती हो.......

तुम ही तो मेरे मन की बात पूछती हो
तुम्ही तो मेरी पीड़ा के करीब पहुँचती हो
तुम्ही से मुझे स्नेह्की गरमाहट मिलती है
लाडली तुम मेरे मन में बसती हो.....

तुम दूसरों का दर्द समझती हो
तुम गरीबों और कमजोरों को अपना समझती हो
तुम मानवता का साक्षात् सन्देश हो
लाडली तुम मेरे मन में बसती हो.....

नाम तुम्हारा रोशन हो
तुम्हारा गुलशन (जीवन) खिला खिला रहे
तुम्हारे दिल में अपार ख़ुशी रहे
लाडली तुम मेरे मन में बसती हो......

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