Wednesday, August 19, 2009

आओ विमर्श करें........

स्वतंत्रता दिवस पर
शुभकामनाओं का
रस्मी आदानप्रदान,
उन्हें याद करना
आजादी के लिए
लड़ने में
जिन्होंने दिया था
योगदान,
सीमा पर जिन्होंने
प्राण गँवाए
जो लौट के घर ना आये
उनका यशोगान,
बहुत सुन्दर लग रही है
भारत माता
हिमालय का मुकुट धरे
सागर कितना हर्षित है
माँ के चरण पखारने
करें इसका भी अनुमान,
कल कल करती नदियाँ
लहलहाते खेत
विपुल जन समुदाय
पड़ोसियों के हालात
हमारी ज़रूरतें
कह रही है हमें
अतिसुन्दर हुआ
जननी जन्मभूमि की
गौरवगाथा का संगान,
किन्तु मित्रों !
सोचें समझें और करें
सामुदायिक हितों हेतु
लगायें संचित उर्जा को
सर्वजन हिताय
सर्वजन सुखाय.......
यही होगा हमारा
स्वतंत्रता दिवस का अनुपालन ;
यही होगा आज केलिए
अपने संकल्पों को
दोहराने का सोपान......

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