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Baaten Vinesh Ki
Friday, August 28, 2009
बौझ.......
किया करती है
सहन
तराजू
वक़्त बेवक्त
सामग्रियों का
कमोबेश
बौझ,
मनाते हैं
कोई और ही
बेफिक्र हो
उन्ही सामानों से
मौज..............
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Padhta hun, padhata hun, khud ki khoz ke safar men hun.
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