...
तन दीपक
मन बाती
भया तेल
प्रेम सशक्त ,
रचने
नव इतिहास.....
छूकर
चक मक से
जला दिया
बाती को,
आलोक दूत था
दीपक,
देने को
प्रकाश.....
दूर हुआ
अँधियारा
हुई जगमग
हर दिशी
हर ओर
बीती थी रात
मावस की,
आई
महकी महकी भोर......
तन दीपक
मन बाती
भया तेल
प्रेम सशक्त ,
रचने
नव इतिहास.....
छूकर
चक मक से
जला दिया
बाती को,
आलोक दूत था
दीपक,
देने को
प्रकाश.....
दूर हुआ
अँधियारा
हुई जगमग
हर दिशी
हर ओर
बीती थी रात
मावस की,
आई
महकी महकी भोर......
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