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'रा' उचारण से
खुले मुख-द्वार
हो निष्कासित
अतिशय विकार.
संचित कर
महाप्राण शक्ति को
पूरक प्राणायाम
हो प्राप्य व्यक्ति को.
'म' अक्षर जब
बोला जाये
मुख-द्वार तब
बंद हो जाये.
विश्वशक्ति
आत्मसात हो जाये
बाह्य कुम्भक का
प्रतिफल पाए.
'रा' उचारण से
खुले मुख-द्वार
हो निष्कासित
अतिशय विकार.
संचित कर
महाप्राण शक्ति को
पूरक प्राणायाम
हो प्राप्य व्यक्ति को.
'म' अक्षर जब
बोला जाये
मुख-द्वार तब
बंद हो जाये.
विश्वशक्ति
आत्मसात हो जाये
बाह्य कुम्भक का
प्रतिफल पाए.
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