Saturday, September 26, 2009

शिव तुम बिन अधूरा है.....

(भजन : तर्ज़-ऐ मेरे दिले-ए-नादान तू गम से ना घबराना)
..
मेरे साथ रहो शक्ति
शिव तुम बिन अधूरा है.....

तन मन की कोमलता
दृढ़ता हो विचारों की,
अभिप्रेरणा हो शुभ की
नियंता हो आचारों की.

तुम ना हो तो हे देवी
संसार ना पूरा है
मेरे साथ रहो शक्ति
शिव तुम बिन अधूरा है.....

तुम अध्यात्म की ज्योति हो
ज्वाला हो साहस की
तुम से आलोकित हो
रजनी भी अमावास की

तेरे बल से व्यवस्थित ही
धरती का धूरा है
मेरे साथ रहो शक्ति
शिव तुम बिन अधूरा है.....

करो नाश विकारों का
मिटे भेद आकारों का
जागृत हो मन मेरा
मिटे भ्रम प्रकारों का

तेरी चरणों में ही तो
काबा और मथुरा है
मेरे साथ रहो शक्ति
शिव तुम बिन अधूरा है.....

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