मत भागो
होकर विवेकशून्य
स्वर्ण मृग के पीछे,
लाँघ जायेगी सीता
लक्ष्मण रेखा,
कर लेगा रावण
अपहरण उसका..........
मित्रों !
बस यही है
रामायण का सार,
शेष समस्त है
भाषा का विस्तार,
मूर्धन्य कवि की
कलम का चमत्कार.......
Mat Bhago
Hokar vivekshunya
Swaranmarg ke peechhe
Langh jayegi Sita
Lakhsman Rekha,
Kar lega Ravan
Apharan uska..........
Mitron !
Bas yahi hai
Ramayan ka saar,
Shesh samast hai
Bhasha ka vistar,
Murdhanya kavi ki
Kalam ka chamatkar.....
होकर विवेकशून्य
स्वर्ण मृग के पीछे,
लाँघ जायेगी सीता
लक्ष्मण रेखा,
कर लेगा रावण
अपहरण उसका..........
मित्रों !
बस यही है
रामायण का सार,
शेष समस्त है
भाषा का विस्तार,
मूर्धन्य कवि की
कलम का चमत्कार.......
Mat Bhago
Hokar vivekshunya
Swaranmarg ke peechhe
Langh jayegi Sita
Lakhsman Rekha,
Kar lega Ravan
Apharan uska..........
Mitron !
Bas yahi hai
Ramayan ka saar,
Shesh samast hai
Bhasha ka vistar,
Murdhanya kavi ki
Kalam ka chamatkar.....
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