जो हमें बावरा कहतें है,
वो हमें आसरा क्या देंगे ?
मर मर के सींचा जिनको हमने ,
वो फसलें आज जला देंगे .
मेरी हर बात पे जो भी हंसते है,
मुझे भीख में क्यों यूँ दुआ देंगे ?
कुदरत का कहा खलता जिनको
वो अक्स को मेरे मिटा देंगे.
जिनका दिल खाली खाली है
दे कर भी हम को क्या देंगे ?
मेरे आंसू और मेरे ग़म को,
तरकीबों से और बढ़ा देंगे.
"कोई मन्दिर में नही रहता अब "
यूँ कहने पे मेरे बद दुआ देंगे ,
चुभते तानों से मेरी इज्जत पे,
नास्तिक का चिह्न बना देंगे .
जिस गली से मैं गुजरा फिर से
तमाशा वो कोई बना देंगे ,
जिल्लत से दबे मेरे कन्धों पर
बोझा कुछ और चढा देंगे.
कुछ बहलाकर कुछ फुसलाकर
मरने की सलाह मुझको देंगे,
कभी भूल के जो यह सांस भरूं
मुझको फिर याद दिला देंगे.
मेरा इन्सां होना जिन्हें गवारा ना हो,
किसी तरहा भी मुझे हरा देंगे ,
मेरी हार पे जश्न मनाएंगे
मेरी हर इक आस भुला देंगे .
जब तक रहूँगा जिंदा मैं
मुझे तरहा तरहा सतायेंगे
मरने पे समाधी पर मेरे
वो मंदिर भव्य बनायेंगे.
महावीर को कीलें ठोंकी थी
शंकर को ठुकराया था
दयामूर्ति यीशु मसीह को
लोगों ने शूली पर चढाया था.
समूह की यह मानसिकता है
असुरक्षा स्वार्थ अतिशयता है
कैसे मुझे बर्दाश्त करेंगे वो
केवल सच मेरी आवश्यकता है.........
वो हमें आसरा क्या देंगे ?
मर मर के सींचा जिनको हमने ,
वो फसलें आज जला देंगे .
मेरी हर बात पे जो भी हंसते है,
मुझे भीख में क्यों यूँ दुआ देंगे ?
कुदरत का कहा खलता जिनको
वो अक्स को मेरे मिटा देंगे.
जिनका दिल खाली खाली है
दे कर भी हम को क्या देंगे ?
मेरे आंसू और मेरे ग़म को,
तरकीबों से और बढ़ा देंगे.
"कोई मन्दिर में नही रहता अब "
यूँ कहने पे मेरे बद दुआ देंगे ,
चुभते तानों से मेरी इज्जत पे,
नास्तिक का चिह्न बना देंगे .
जिस गली से मैं गुजरा फिर से
तमाशा वो कोई बना देंगे ,
जिल्लत से दबे मेरे कन्धों पर
बोझा कुछ और चढा देंगे.
कुछ बहलाकर कुछ फुसलाकर
मरने की सलाह मुझको देंगे,
कभी भूल के जो यह सांस भरूं
मुझको फिर याद दिला देंगे.
मेरा इन्सां होना जिन्हें गवारा ना हो,
किसी तरहा भी मुझे हरा देंगे ,
मेरी हार पे जश्न मनाएंगे
मेरी हर इक आस भुला देंगे .
जब तक रहूँगा जिंदा मैं
मुझे तरहा तरहा सतायेंगे
मरने पे समाधी पर मेरे
वो मंदिर भव्य बनायेंगे.
महावीर को कीलें ठोंकी थी
शंकर को ठुकराया था
दयामूर्ति यीशु मसीह को
लोगों ने शूली पर चढाया था.
समूह की यह मानसिकता है
असुरक्षा स्वार्थ अतिशयता है
कैसे मुझे बर्दाश्त करेंगे वो
केवल सच मेरी आवश्यकता है.........
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