Tuesday, August 17, 2010

कौन सा भाई ?


# # #

(१)
बहना का भाई
जिसकी
कलाई में
बाँध कर
धागा
देकर
गिफ्ट
आश्वस्त हो
जाती है
बहन
भैय्या
मेरा प्यारा भइय्या
हर दुःख में
साथ देगा,
विपदाओं से
रक्षा करेगा,
हाय !
मजबूरी भाई की
देकर लिफाफा एक
पा लेता है
निजात,
इस फ़र्ज़ से,
बहन की भाभी
'प्रिओरिटी' में
आ जाती है,
इक्कीसवी सदी में
हर रिश्ते की
सीमायें
आड़े
आजाती है...

(२)

सलीम भाई
राजू भाई
विक्टर भाई
ऐसा ही कोई भाई
जो नहीं होता
किसी का भाई...
लूट कर
फरेब कर
सता कर
खुद की जेबें भरता है
अपनी दारु और
ऐयाशी का सामान
जुटाने सब कुछ
करता है,
खौफ को
इज्ज़त में
करके तब्दील,
मुल्क
इंसानियत
मोहब्बत
रिश्तों को
भूल,
ताक़त का
खेल खेलता है
हम आप से
कलमकारों की
थोथी कल्पनाओं में
नायक बन
आदर्शवाद के दंड
पेलता है.....

(३)

शब्दों के मायने
बदल जाते हैं
वक़्त के साथ,
एक समय था जब ;
"रघुपति कीन्ही
बहुत बडाई,
तुम मम प्रिय
भारत सम भाई."
कृतज्ञता
अवतारी के मुंह
बोल रही थी
खून के रिश्तों के समान
मैत्री के रिश्तों की
गठरी खोल रही थी...
आज सहोदर भी
पीठ में
कटार भौंकता है,
ऐसा क्या हो गया
एक मित्र दूसरे के
उपकार से चौंकता है..
अविश्वास
स्वार्थपरता की
बातें मनों में
इतनी समायी,
एक निरर्थक सा
शब्द
बन कर
रह गया है
'भाई'.....

No comments:

Post a Comment