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कल ख्वाब में जाने क्या महसूस हुआ था
पहली स़ी मोहब्बत का एहसास हुआ था.
नज़रें थी झुकी उनकी आँखों में हया थी
रंगीं-ओ-हसीन मंज़र मेरे पास हुआ था.
हिले थे होंठ उनके अल्फाज़ निकल ना पाए
पैगामे मोहब्बत का हमें एहसास हुआ था.
दुनिया की हर शै में फैली थी खुशियाँ ही
अदाओं पे उनकी कुरबां हर सांस हुआ था.
छुआ था जो उनको रौं रौं में रवानी थी
हम को ना होने का क़ेयास हुआ था.
कल ख्वाब में जाने क्या महसूस हुआ था
पहली स़ी मोहब्बत का एहसास हुआ था.
नज़रें थी झुकी उनकी आँखों में हया थी
रंगीं-ओ-हसीन मंज़र मेरे पास हुआ था.
हिले थे होंठ उनके अल्फाज़ निकल ना पाए
पैगामे मोहब्बत का हमें एहसास हुआ था.
दुनिया की हर शै में फैली थी खुशियाँ ही
अदाओं पे उनकी कुरबां हर सांस हुआ था.
छुआ था जो उनको रौं रौं में रवानी थी
हम को ना होने का क़ेयास हुआ था.
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